नश्तर

Monday, October 25, 2010

पवन के सुपरफास्ट चुनावी कार्टून





































Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:54 PM No comments:

Sunday, October 24, 2010

पवन के स्पेशल चुनावी कार्टून






















Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:52 PM 3 comments:

Friday, October 22, 2010

अकाल के चपेट बा..जनता भूखे पेट बा ..आ गइल समय चुनाव के ..











Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:56 PM 2 comments:

Monday, October 18, 2010

शेरा हो गया ऐरा गैरा




Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 1:08 AM 2 comments:

Tuesday, October 12, 2010

कार्यकर्ता मतलब कटाहा कुत्ता











Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 12:42 AM No comments:

Thursday, October 7, 2010

मैं दुनिया उडा दूंगा तेरी (टिकट) चाहत में











Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 6:49 AM No comments:

Sunday, October 3, 2010

हेल्प मी गांधी जी







Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:02 PM 1 comment:
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मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक
नश्तर पवन के कार्टूनों का ब्लॉग है। बिहार में सुबह सोकर उठने वाले लोग अख़बार की सुर्खियों से पहले पवन के कार्टून पर नज़र डालते हैं। इनकी भाषा में एक खांटी भदेसपन है..जो बिहार की राजनीतिक रुप से जागरुक जनता के लिए मानसिक खुराक देता है। बिहार की राजनीति के खम-पेंचों के जानकार वहां कार्टूनों की अहमियत समझ सकते हैं। राजनीतिक गलियारों के घुमाव में गरिया भी न सकने तक लाचार अवाम पवन के कार्टूनों में अपनी बात देखती रही है। पवन, शंकर आर के लक्ष्मण और सुधीर तैलंग की धारा के कार्टूनिस्ट हैं..। हमदोनों यानी मंजीत ठाकुर और कुमार आलोक खुद कार्टून तो नहीं बना सकते..लेकिन पवन के मुरीद हैं। ऐसे में पवन के कहने पर हम उनका एक ब्लॉग शुरु कर रहे हैं। जिसमें शब्दों की बजाय रेखाएं आपके साथ होंगी...
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