नश्तर

Wednesday, June 30, 2010

महंगाइ की मार किस पर ?


Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 5:21 AM 1 comment:

Saturday, June 26, 2010

सेकुलर फंड







Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:38 PM 1 comment:

Tuesday, June 15, 2010

द ऐन्ड आफ हनीमून पीरीयड इन बिहार ?





































Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 11:01 PM 2 comments:

Saturday, June 12, 2010

मनाली में मंथन


Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:17 PM 2 comments:

Thursday, June 10, 2010

हाथ से नही लात से ....











Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:52 PM 1 comment:

Sunday, June 6, 2010

पार्टी और पिस्तौल




Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 4:08 AM No comments:

Thursday, June 3, 2010

बिजली भाइ और सीढी बहन का संवाद







Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 7:26 AM 4 comments:
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मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक
नश्तर पवन के कार्टूनों का ब्लॉग है। बिहार में सुबह सोकर उठने वाले लोग अख़बार की सुर्खियों से पहले पवन के कार्टून पर नज़र डालते हैं। इनकी भाषा में एक खांटी भदेसपन है..जो बिहार की राजनीतिक रुप से जागरुक जनता के लिए मानसिक खुराक देता है। बिहार की राजनीति के खम-पेंचों के जानकार वहां कार्टूनों की अहमियत समझ सकते हैं। राजनीतिक गलियारों के घुमाव में गरिया भी न सकने तक लाचार अवाम पवन के कार्टूनों में अपनी बात देखती रही है। पवन, शंकर आर के लक्ष्मण और सुधीर तैलंग की धारा के कार्टूनिस्ट हैं..। हमदोनों यानी मंजीत ठाकुर और कुमार आलोक खुद कार्टून तो नहीं बना सकते..लेकिन पवन के मुरीद हैं। ऐसे में पवन के कहने पर हम उनका एक ब्लॉग शुरु कर रहे हैं। जिसमें शब्दों की बजाय रेखाएं आपके साथ होंगी...
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