नश्तर

Tuesday, May 25, 2010

आर्टीफिशियल लाइफ और महंगी बिजली






















Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:27 PM 1 comment:

Sunday, May 16, 2010

पारा गरम है बिहार में







Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 4:38 AM No comments:

Thursday, May 6, 2010

चूहे का दंश


Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 4:00 AM 2 comments:
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मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक
नश्तर पवन के कार्टूनों का ब्लॉग है। बिहार में सुबह सोकर उठने वाले लोग अख़बार की सुर्खियों से पहले पवन के कार्टून पर नज़र डालते हैं। इनकी भाषा में एक खांटी भदेसपन है..जो बिहार की राजनीतिक रुप से जागरुक जनता के लिए मानसिक खुराक देता है। बिहार की राजनीति के खम-पेंचों के जानकार वहां कार्टूनों की अहमियत समझ सकते हैं। राजनीतिक गलियारों के घुमाव में गरिया भी न सकने तक लाचार अवाम पवन के कार्टूनों में अपनी बात देखती रही है। पवन, शंकर आर के लक्ष्मण और सुधीर तैलंग की धारा के कार्टूनिस्ट हैं..। हमदोनों यानी मंजीत ठाकुर और कुमार आलोक खुद कार्टून तो नहीं बना सकते..लेकिन पवन के मुरीद हैं। ऐसे में पवन के कहने पर हम उनका एक ब्लॉग शुरु कर रहे हैं। जिसमें शब्दों की बजाय रेखाएं आपके साथ होंगी...
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