नश्तर

Friday, March 26, 2010

बिहार दिवस - सौ दिन चले ढाइ कोस





























Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 12:52 AM 3 comments:

Wednesday, March 24, 2010

एक मच्छर आदमी को ..........बना देता है ?







Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 10:50 PM No comments:

Thursday, March 18, 2010

नोट की माया .. कहीं धूप कहीं छाया


Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 4:45 AM 3 comments:

Saturday, March 13, 2010

३३ बनाम १०० पर्सेंट


Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 11:41 PM No comments:

Monday, March 8, 2010

इच्छाधारी बाबा की जय


Posted by मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक at 8:07 PM 1 comment:
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मंजीत ठाकुर-कुमार आलोक
नश्तर पवन के कार्टूनों का ब्लॉग है। बिहार में सुबह सोकर उठने वाले लोग अख़बार की सुर्खियों से पहले पवन के कार्टून पर नज़र डालते हैं। इनकी भाषा में एक खांटी भदेसपन है..जो बिहार की राजनीतिक रुप से जागरुक जनता के लिए मानसिक खुराक देता है। बिहार की राजनीति के खम-पेंचों के जानकार वहां कार्टूनों की अहमियत समझ सकते हैं। राजनीतिक गलियारों के घुमाव में गरिया भी न सकने तक लाचार अवाम पवन के कार्टूनों में अपनी बात देखती रही है। पवन, शंकर आर के लक्ष्मण और सुधीर तैलंग की धारा के कार्टूनिस्ट हैं..। हमदोनों यानी मंजीत ठाकुर और कुमार आलोक खुद कार्टून तो नहीं बना सकते..लेकिन पवन के मुरीद हैं। ऐसे में पवन के कहने पर हम उनका एक ब्लॉग शुरु कर रहे हैं। जिसमें शब्दों की बजाय रेखाएं आपके साथ होंगी...
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